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3/12/19


देश में बढ़ते बलात्कारों के बीच आखिर कब तक दरिंदगी का शिकार होती रहेगी बेटियां ?



हर रोज देश के किसी न किसी कोने से दिल दहला देने वाली खबर आती रहती हैं, इस सप्ताह 28 नवंबर को हैदराबाद, आंध्रप्रदेश में एक महिला पशु चिकित्सा डॉ प्रियंका रेड्डी के साथ चार दरिंदो ने सामूहिक बलात्कार किया और बाद में पेट्रोल डालकर जला दी। पुरे देश में इन दरिंदो के द्वारा की गई हैवानियत के बाद देशभर में उबाल है। इसके बावजूद रेप के मामले थम नहीं रहे हैं। आज फिर एक नया मामला मध्यप्रदेश के इंदौर के महू से सामने आया हैं, जहाँ एक 4 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई।

                                                   (file Photo Source Bhaskar)
यह मासूम बच्ची अपने माता – पिता के साथ सड़क किनारे एक ओवर ब्रिज के नीचे सोई हुई थी, तभी दरिंदो ने चुपके से उसे वहा से उठा लिया, फिर दूर ले जाकर उसके साथ कुकृत्य किया और बाद में हत्या कर दी। पोस्टमॉर्डम रिपोर्ट ने भी रेप की पुष्टि की हैं। रिपोर्ट के अनुसार मासूम के कोमल शरीर पर गहरे जख्म के निशान हैं, जो यह दर्शाते हैं की दरिंदो ने मासूम के साथ रेप ही नहीं किया बल्कि उसको बुरी तरह मारा – पीटा हैं।

फुटेज खंगाल रही पुलिस
पुलिस प्रशासन के मुताबिक शव ओवर ब्रिज के नीचे से बरामद हुआ और अनजान लोगो के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच की जा रही हैं, साथ ही सीसीटीवी फुटेज की भी मदद ली जा रही हैं। आसपास के लोगो के बायान भी दर्ज किये गए।
आखिर कब तक यूही दरिंदगी की शिकार होती रहेगी बेटियां ?
जब हम रोज सुबह चाय के साथ समाचार पत्र पढ़ते हैं तो पता चलता हैं की कभी दिल्ली, हैदराबाद तो कभी इंदौर हर तरफ से दरिंदगी की खबरे आती हैं। आज हमारी भारतीय बेटियां दुनिया में तिरंगा लहरा रही हैं लेकिन देश के अंदर आज भी कुछ दुसासन, रावण के रूप में छुपकर बैठे हैं। देश में 6 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ कुछ दरिंदो ने कुकृत्य कर, चलती बस से नीचे फेंक दिया था। तब पुरे देश में इसी तरह का माहौल था। सरकार ने रेप को लेकर एक कानून बनाया और बलत्कारियो को फांसी की सजा देने की बात कही। ऐसा लगा था मानो अब इस तरह की घटनाओ से निजात मिल पाएगी। परन्तु दुर्भाग्य के बात यह हैं कि निर्भया केस को आने वाली ६ दिसंबर को पुरे सात साल हो जाएंगे लेकिन अभी तक दोषियों को सजा नहीं मिल पाई। जब भी इस तरह की घटना होती हैं तो हम मोमबत्ती लेकर विरोध करते हैं, सरकार के नुमाइंदे कठोर कार्यवाही की बात करते हैं, मगर आरोपी फिर भी बच जाते हैं।  क्यों ?

ऐसे दरिंदो को जानता के हवाले कर देना चाहिए
देश में घटित होने वाली इस तरह की घटना वाकई निंदनीय ही नहीं बल्कि अस्वीकार्य हैं, ऐसे लोगो को सरे आम फांसी की सजा होना चाहिए। कल डॉ प्रियंका रेड्डी केस पर संसद के उच्च सदन में चर्चा हुई, चर्चा में भाग लेते हुए सपा सांसद जया बच्चन ने कहा की ‘ऐसे दरिंदो के साथ लिंचिंग होना चाहिए। इनके साथ क्या किया जाए यह जनता पर छोड़ देना चाहिए।’ वाकई जब देश के दिल दिल्ली में 2012 में निर्भया के साथ रेप करने वालो को अभी तक फांसी नहीं हो पाई, तो कैसे न्यायपालिका पर जनता विश्वास करे। किस तरह से न्यायपालिका से न्याय की अपेक्षा की जा सकती हैं।

शीघ्र हो अपराधियों को सजा, तभी सुरक्षित रह पायेगी बेटियां।
इस तरह की दरिंदगी करने वाले दरिंदो को कठोर से कठोर दंड मिलना चाहिए और सजा तय समय पर मिले इसके लिए कानून बने। अपराधी को बचाने वाले को भी दण्डित किया जाए, न्यायपालिका को इस तरह की घटनाओ पर चिंता करना चाहिए। कहा जाता हैं ना ‘न्याय में देरी भी अन्याय’ की श्रेणी में आता हैं। सजा ऐसी होना चाहिए ताकि अपराध करने से पहले सौ बार सोचने पर मजबूर हो जाए। अब देश के नागरिको को भी सुनिश्चित करना चाहिए की ऐसे लोगो को समाज से बहिष्कृत करे। तभी जाकर हमारी बेटिया इन दरिंदो की बुरी नज़रो से बच पाएगी।

यह हमारे भारतवर्ष के लिए शर्म की बात हैं, जिस देश में नारियो को पूजा जाता हैं, उन्हें लक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती कहा जाता हैं, उसी देश में कुछ दरिंदे नवजात शिशु से लेकर 70- 80 साल की बुजुर्ग महिलाओ के साथ दरिंदगी करने से भी नहीं काँपते। फिर हम किस बात का गर्व करते हुए शक्ति स्वरूपा देवियो की पूजा करते हैं। चाहे घटना इंदौर में हो या हैदराबाद में, चाहे घटना को अंजाम हिन्दू ने दिया हो या मुसलमान ने सब को कठोर से कठोर सजा तय सीमा पर मिलना चाहिए और नहीं मिले तो फिर जनता को स्वयं निर्णय करना चाहिए।

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