इंदौर के अपना समूह ने प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी आयोजित 71 वें गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन इंदौर के रीगल चौराहे पर किया गया। इस बार खास बात यह रही कि समारोह में मुख्यअथिति निर्भया के माता - पिता और निर्भया को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करने वाली अधिवक्ता सीमा समृद्धि थे। निर्भया केस की वकील सीमा समृद्धि ने ध्वजारोहन किया। बताया जाता हैं की यह देश का सबसे बड़ा और ऊँचा तिरंगा यही प्रतिवर्ष फहराया जाता हैं।
अपना समूह सीमा समृद्धि का सम्मान करते हुए : इंदौर |
अधिवक्ता सीमा समृद्धि और निर्भया के माता - पिता का किया गया सम्मान
इस दौरान आयोजक अपना समूह ने निर्भया को न्याय दिलाने और दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचने वाली अधिवक्ता सीमा समृद्धि और निर्भया के माता - पिता का अभिनंदन और सम्मान किया। संस्था ने अधिवक्ता और निर्भया ज्योति ट्रस्ट को 51 - 51 हजार रुपयों की सहयोग राशि अनुदान के रूप में प्रदान की।
निर्भया को बचा नहीं पाएं और कुछ लोग दोषियों को बचना चाहते हैं
सीमा समृद्धि ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'हम निर्भया को तो बचा नहीं सके मगर कुछ लोग दोषियों को मानव अधिकार के नाम पर बचने का कार्य कर हैं। दोषी लोग हमारे कानून व्यवस्था की खामियों का फायदा उठाते हैं। यह अच्छी बात हैं कि देश में सिस्टम की खामियों पर चर्चा होने लगी हैं लेकिन जरुरत उन्हें दूर करने की हैं। इस केस को सर्वोच्च न्यायलय में लिस्टिंग करने में हमें 1 वर्ष लग गया था, इस तरह की खामिया न्याय में देरी का कारण बन रही हैं।
सम्मान राशि भेंट करते हुए |
निर्भया की माता आशा देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'हमारे कानून में दोषियों को तय समय में सजा देना का कोई प्रावधान नहीं हैं। आगे कहा 'कुछ संस्थाए मानवाधिकार के नाम पर व्यापार कर रही हैं , दोषियों को बचाने का कार्य मानव अधिकार के नाम पर किया जा रहा हैं।' उन्होंने ने उम्मीद जताई की जल्द ही निर्भया को इंसाफ मिलेगा साथ उन्होंने इंदौर का देश का सबसे अच्छा शहर बताया।
क्या हैं निर्भया मामला ?
निर्भया के माता - पिता और अधिवक्ता सीमा समृद्धि |
दिसंबर 2012 में रात्रि के समय पब्लिक बस से अपने दोस्त के साथ घर लौट रही निर्भया के साथ कुछ दरिंदो ने दुष्कृत्य किया था। उसे कुछ समय बाद निर्भया की मौत हो गई थी। इस अपराध को अंजाम देने वाले 5 युवक थे, जिसमे से एक ने आत्महत्या कर चूका हैं बाकी के 4 तिहाड़ जेल में कैद हैं। अदालत ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई हैं, राष्ट्रपति भी दया याचिका अस्वीकार कर चुके हैं। दोषियों को 1 फरवरी को फांसी होनी हैं।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें
thanks for your valuable suggestion.