गायिका पलक मुच्छल
Palak Muchchhal (Singer) |
व्यक्तिगत परिचय :
इंदौर की इस लाडो का जन्म इंदौर के मध्यम वर्गीय मारवाड़ी माहेश्वरी परिवार में ३० मार्च १९९२ को हुआ, उनकी माता अमिता और पिता राजकुमार मुच्छल हैं जो पेशे से निजी संस्था में लेखाकार हैं। उनका भाई पलाश भी एक अच्छा गायक हैं।
पलक ने इंदौर के ही एक कॉलेज से वाणिज्य से स्नातक किया हैं साथ ही हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा भी प्राप्त की हैं। उन्होंने चार साल की छोटी सी उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था। पालक को १७ भाषाओ का अच्छा ज्ञान हैं और उनमे गीत गा भी सकती हैं।
सामाजिक योगदान :
- १९९७ में पलक महज ७ वर्ष की थी उसी समय भारत - पाक के मध्य कारगिल युद्ध हुआ, शहीद सैनिको के परिजनों की मदद के लिए पलक ने इंदौर शहर की दुकानों के सामने जाकर गीत गए और उस समय पालक ने २५००० हजार रुपयों का चंदा इकठ्ठा किया। इसी दौरान ओडिशा में बाढ़ आई तो बाढ़ पीड़ितों के लिए भी पलक मुच्छल आगे
- पलक ने जब गरीब बच्चो को फटे - पुराने कपड़ो में देखा तभी उन्होंने गरीब बच्चो के मदद का मन बना लिए। इसी दौरान इंदौर के लोकेश नाम के बच्चे हो हृदय सम्बन्धी बीमारी थी, उसके इलाज में बहुत रुपयों की जरुरत थी परन्तु पिता की प्रतिदिन की आय मात्र ५० रुपये थी। जब लोकेश के स्कूल प्रबंधन ने आर्थिक सहायता के लिए पालक से मदद मांगी तो पालक ने उसके लिए भी ५१ हजार रुपयों का चंदा इकट्ठा किया। इसके बाद तो कई बच्चो को नव जीवन देने का कार्य किया और कर रही हैं।
- वर्ष २००० में गुजरात में आये भूकंप पीड़ित परिवार के बच्चो के लिए भी पालक आगे आई और देश - विदेश में संगीत प्रदर्शनिया की जिसका नाम था 'दिल से दिल तक' के मध्यम से १० लाख रुपयों का चंदा इकट्ठा किया।
- गरीब और जरुरत मंद लोगो की मदद का सिलसिला भारत तक ही सीमित नहीं था बल्कि वर्ष २००३ में हृदय रोग से पीड़ित पाकिस्तानी बच्ची की भी मदद की पेशकश पलक ने की, जो भारत में अपना ईलाज कराने आई थी।
- दिसम्बर 2006 तक पलक ने अपने धर्माध संगठन 'पलक मुच्छल हार्ट फाऊंडेशन' के लिए कुल 1.2 करोड़ रुपयों की राशि ईकट्ठा कि थी जिससे 234 बच्चों का ऑपरेशन किया गया। पैसों की कमी की वजह से किसी बच्चे का ऑपरेशन ना रुके, ये सुनिश्चीत करने के लिए पलक मुच्छल हार्ट फाऊंडेशन को दस लाख रुपये ओवरड्राफ्ट की अनुमती दी
Singer Palak Muchchhal |
हिंदी फिल्मो में पार्श्र्व गायक के रूप में कदम रखा:
वर्ष 2011 में पलक ने हिन्दी फिल्मों में पार्श्व गायिका के रूप में अपना कदम रखा परन्तु उनका ह्रदय रोग पीड़ित बच्चों की मदद करने का अभियान यही नहीं रुका बल्कि और तेज हो गया । मई 2013 तक उन्होने पलक मुच्छल हार्ट फाऊंडेशन के लिए तकरीबन ढाई करोड़ रुपयों की राशि जमा की थी जिससे 572 बच्चो का ऑपरेशन सफलता पूर्वक हो चूका हैं और उनकी जान बचाई जा सकी। कई ह्रदय रोग पीड़ित बच्चे अब भी उनकी इंतजार सूची में है जिनकी मदद के लिए इंदौर की बेटी पलक मुच्छल का प्रयास अभी भी जारी हैं।
पलक की उपलब्धिया :
- जब २००१ में वह मात्र ९ साल की थी तब ही पलक का पहला एल्बम 'चाइल्ड फॉर चिल्डर्नस' टिप्स म्यूजिक के द्वारा रीलीज़ की गई थी। इसके बाद तो 'आओ तुम्हे चाँद पर ले जाए' और 'बेटी हूँ महांकाल की' जैसे कई एल्बम आते रहे।
- २००६ में पलक इंदौर से मुंबई चली गई अपने व्यवसाय के लिए , वहा टी - सीरीज़ ने २०११ में 'जय जय देव गणेश' नामक एल्बम लांच किया।
- २०११ में फ़िल्मी दुनिया में पार्श्र्व गायिका के रूप में कदम रखा और 'एक था टाइगर' और 'आशिकी -२' जैसी सुपरहिट फिल्मो के गीतों को अपनी मधुर आवाज़ के सुर में बंधा।
- २०१४ में मीका सिंह के साथ किक फिल्म में 'जुम्मे की रात' जैसा हिट गाना गया।
- पलक बॉलीवुड में अपनी सफलता का श्रेय सलमान खान को देती हैं।
पलक को प्राप्त हुए अवार्ड और पुरुस्कार :
पलक द्वारा गायन और सामाजिक सरोकार के लिए किये गए उल्लेखनीय कार्यो के लिए उन्हें कई संस्थाओ और सरकार द्वारा पुरुस्कृत और सम्मानित किया जा चूका हैं। प्राप्त पुरुस्कारो में शामिल हैं राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (2000), रजत पदक,राष्ट्रीय समन्वय पुरस्कार (2001), राजीव गांधी पुरस्कार (2005),राजीव गांधी पुरस्कार (2005),सोनी टीवी कैडबरी बॉर्नव्हीटा कॉन्फीडन्स च्यम्पीयनशीप (2006),गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स तथा लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स ,युवा ओजस्वीनी अलंकारन पुरस्कार (2006),लापता" (एक था टायगर) गाने के लिए 19वा लायन्स गोल्ड पुरस्कार (2012),10 वा वार्षिक केल्वीनेटर ग्रेट वुमन अचिवर 2011 पुरस्कार,19 वा सुर आराधना पुरस्कार (2012), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और महाराष्ट्र बोर्ड द्वारा सातवीं की नैतिक पाठ्यक्रम में पालक के बारे में लिखा गया हैं।
पलक द्वारा किये गए सामाजिक सरोकार के कार्यो और गरीब बच्चो की मदद का चर्चा कई बार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मिडिया की सुर्खिया बनी चुकी हैं।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें
thanks for your valuable suggestion.