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26/7/20

आज कारगिल विजय दिवस को 21 वर्ष पूर्ण हो गए हैं, वर्ष 1999 में 26 जुलाई को कारगिल युद्ध में भारत की विजय हुई थी।

दरअसल, भारत और पाक आजादी से पहले एक ही जमीन का हिस्सा था, दोनों को भारत यानी इंडिया के नाम से जाना जाता था। लेकिन आजादी के बाद से ही भारत - पाक के बीच इतिहास संघर्षपूर्ण रहा है। आज़ादी से कुछ माह बाद भारत पाक के बीच युद्ध हुआ। फिर 1965, 1971 और उसके बाद आखिरी बार 1999 में हुआ।जिसमें भारत ने हर बार पाक को धूल चटाई हैं।

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कारगिल युद्ध को "ऑपरेशन विजय" के नाम से भी जाना जाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1999 में मई और जुलाई के मध्य कारगिल जिले में सशस्त्र संघर्ष हुआ।  इस दौरान पाक सेना और कुछ कश्मीरी उग्रवादी लोगों ने नियंत्रण रेखा पार करके भारत की जमीन पर कब्जा करने की असफल कोशिश की, पाक ने दावा किया कब्जा करने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं जबकि युद्ध में प्राप्त हुए दस्तावेजों और पाक लीडरों के बयानों से यह साबित हो गया था कि इस कृत्य में पाक सेना प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं।
Kargil Vijay Diwas newsrider.xyz
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भारत ने सेना और वायुसेना की मदद से पाक को मुंह तोड़ जवाब दिया और उसे पीछे हटने पर मजबुर कर दिया। खास बात यह थी कि परमाणु क्षमता विकसित करने के बाद भारत और पाक के बीच यह पहला युद्ध था, पाक भी परमाणु सम्पन्न देश था। लंबे समय तक चले इस युद्ध में आखिर भारत को विजय मिली।

इस युद्ध के बाद भारत और पाक में कई परिवर्तन देखने को मिले। जहां युद्ध में भारत की विजय हुई, और भारतीय लोगों में सेना और देश के प्रति राष्ट्रप्रेम का उबाल देखने को मिला तो दूसरी और भारत सरकार ने अपनी सेना को आधुनिक बनाने का फैसला किया। साथ ही सरकार ने अपना रक्षा बजट बढ़ाया। वहीं पाक में सत्ता संघर्ष शुरू हो गया, आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के चलते पाक ने जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ सरकार को हटाकर सैन्य शासन लागू कर दिया और खुद राष्ट्रपति बन गया।


कारगिल युद्ध पर भारत में कई फिल्में भी बनी, जिसमें भारतीय सैन्य शक्ति दिखाया गया। इस युद्ध पर एल ओ सी कारगिल, लक्ष्य और धूप जैसी कई लोकप्रिय सुपरहिट फिल्में बनी।


पाक ने इस युद्ध की शुरुआत तो 3 मई 1999 को कर दी थी, उसने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर लगभग 5000 हजार सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा कर लिया था। जब भारत सरकार को इस घटना कि खबर लगी तो उसने पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय की शुरुआत की।

लगभग 2 माह चले इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अद्भुत साहस और वीरता का परिचय देते पाक के छक्के छोड़ा दिए। लेकिन लगभग 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़े गए इस युद्ध में मां भारती के 527 लाल कुर्बान हो गए जबकि 1300 से ज्यादा जवान घायल।


इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने जान की परवाह किए बगैर युद्ध लड़ा और विजय हासिल की वहीं पाक सेना के 250 सैनिक तो जंग को छोड़ कर है भाग खड़े हुए। वहीं पाक के लगभग 2700 जवान भारतीय सेना के द्वारा मारे गए ।


अंत 26 जुलाई को युद्ध समापन कि आधिकारिक घोषणा हुई। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के पूर्ण निष्कासन का ऐलान किया। इस समय भारत में एनडीए कि सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेई देश के प्रधानमंत्री।

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