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31/5/19


*टीम नमो पार्ट - 2.0* 17 वी लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसके नेतृत्व वाले एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक विजय हासिल कर नया इतिहास रचा है।बीजेपी ने अपनी ही दम पर 303 सीटों पर जीत कर अपना ही 2014 का रिकॉर्ड तोड़ा हैं। नरेंद्र मोदी स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले पीएम है साथ ही नेहरू , इंदिरा गांधी के बाद लगातार दूसरी बार जीतने वाले भी । पिछले शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के प्रमुख को बुलाया और इस बार बिम्सटेक देशों के प्रमुखों को न्यौता देकर अपनी विदेश नीति "पड़ोसी पहले" को दर्शाने का प्रयास किया है।साथ ही पाकिस्तान को न्यौता ना दे कर पाक को आतंक से निपटने की संकेतिक नसीहत दे डाली और भारत की पाक संबंधी नीति को भी रेखांकित किया हैं। *राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई पद व गोपनीयता की शपथ* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रीमंडल का राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ। राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुए इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ हजार देशी-विदेशी मेहमान मौजूद हैं। इसमें BIMSTEC देशों के राष्ट्राध्यक्षों को प्रमुख रूप से आमंत्रित किया गया है। शपथ ग्रहण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों को चर्चा के लिए बुलाया था।मोदी कैबिनेट में 57 लोगो मंत्री पद की शपथ ली जिसमें 5 महिलाए भी शामिल हैं। यह हैं मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले सांसदों की पूरी सूची। *मोदी कैबिनेट में शामिल सांसदों की सूची* राजनाथ सिंह,अमित शाह,नितिन गडकरी,सदानंद गौड़ा,निर्मला सीतारमण,राम विलास पासवान,नरेंद्र सिंह तोमर,रविशंकर प्रसाद,हरसिमरत कौर बादल,थावर चंद गहलोत,एस जयशंकर (पहली बार),डॉ. रमेश पोखरियाल,अर्जुन मुंडा,स्मृति इरानी,हर्षवर्धन,प्रकाश जावडेकर,पीयूष गोयल,धर्मेंद्र प्रधान,मुख्तार अब्बास नकवी,प्रहलाद जोशी (पहली बार),महेंद्र नाथ पांडेय,अरविंद सावंत,गिरिराज सिंह,गजेंद्र सिंह शेखावत *राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)* संतोष कुमार गंगवार,राव इंद्रजीत सिंह,श्रीपद नाइक,जितेंद्र सिंह,किरन रिजीजू,प्रहलाद पटेल (पहली बार),आर के सिंह,हरदीप सिंह पुरी,मनसुख मांडविया *राज्य मंत्री* फग्गन सिंह कुलस्ते,अश्विनी चौबे,अर्जुनराम मेघवाल,जनरल वीके सिंह,कृष्णपाल सिंह गुर्जर,राव साहब दानवे,जी कृष्ण रेड्डी,पुरुषोत्तम रुपाला,रामदास आठवले,साध्वी निरंजन ज्योति,संजीव बालियान,बाबुल सुप्रीयो,संजय शामराव,अनुराग ठाकुर,सुरेश अंगाडी,नित्यानंद राय,रतनलाल कटारिया,वी मुरलीधरन,रेणुका सिंह शपथ समारोह में देखी विदेश नीति की झलक पीएम मोदी 2014 में ही अपनी विदेश नीति स्पष्ट कर दी थीं ,इस बार फिर बिम्सटेक देशों के राष्ट्र अध्यक्षों को आमंत्रित कर एक बार फिर "पड़ोसी पहले " की नीति पर जोर दिया हैं। अगर हम पीएम मोदी के पिछले कार्यकाल को देखे तो उन्होंने "लुक ईस्ट" जगह "एक्ट ईस्ट" को अपनाया हैं को काफी हद तक सफल भी रही हैं । विदेश नीति में सुषमा स्वराज का बहुत योगदान रहा हैं लेकिन इस बार वो चुनाव नहीं लड़ी और नहीं उन्हें मंत्री बनाया गया । *मोदी सरकार के आगामी 5 वर्ष और प्राथमिकताएं* मोदी ने चुनावी घोषणापत्र में जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 A को हटाने का वादा किया । Maximum Governance - Minimum Government पर भी जोर रहेगा। इन्फ्रस्ट्रक्चर को और ज्यादा विकसित करना , भारत को स्टार्टअप का हब बनाना, भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाना, मोदी केयर के द्वारा 10 करोड़ परिवारों को सुरक्षा कवच प्रदान करना आदि। *नमो पार्ट 1.0 की उलब्धियां और कमिया:* नरेंद्र मोदी सरकार अपने अहम फैसलों के लिए जानी जाती हैं , मोदी सरकार निर्भीक और बड़े फैसले लेने में माहिर हैं । पिछले कार्यकाल में नोटबंदी, गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स(जीएसटी), तीन तलाक़ बिल, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्ट नीति अपनाना, पाक को मुंहतोड़ जवाब घर में घुसकर देना , पहले सर्जिकल स्ट्राइक और बाद में एयर स्ट्राइक के माध्यम से। स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता को राष्ट्रीय जन आंदोलन बनाना और करोड़ों शौचालयों का निर्माण करना, मुद्रा योजना , उज्ज्वला योजना के माध्यम से करोड़ों महिलाओं को धुआ से मुक्ति दिलाई, पीएम किसान सम्मान निधि , पीएम आवास योजना से हर गरीब को पक्का मकान देना , आदि इन सभी में सरकार को बहुत सफलता भी मिली लेकिन नोटबंदी उतनी सफल नहीं रही साथ राफेल विमान सौदा भी विवादों में रहा। *एमपी, कर्नाटक की सरकारो पर संकट गहराया* केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार के आने से कई राज्य सरकारों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। बंगाल में ममता दीदी के कई विधायक और पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए और होने की संभावना भी हैं, कर्नाटक की कुमार स्वामी की सरकार भी खतरा महसूस कर रही है, कहीं उनके विधायक बीजेपी ना ज्वाइन कर लें, इसके आलावा एमपी में भी कई कांग्रेस विधायक रुपये देने और मंत्री पद का प्रलोभन बीजेपी दे रही यह बात कह चुके हैं। मैं समझता हूं कि चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना लोकतंत्र में शौभा नहीं देता है अब देखना है मोदी और बीजेपी क्या करती हैं भविष्य में। इस आमचुनाव में चुनाव आयोग भी बहुत चर्चा में रहा हैं, कई दलों ने आयोग पर कई प्रकार के आरोप भी लगाए हैं,जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में ठीक नहीं हैं।आयोग को निष्पक्ष चुनाव कराना चाहिए और किसी भी प्रकार के आरोपों से बचना ही उसकी विश्सनीयता को बढ़ा सकता हैं। लेखक देवराज दांगी ,सोनकच्छ संपादक दांगी प्रवाह मैग्जीन (B.com, M.A.) लेखक सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे व स्वतंत्र लेखक हैं।

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